प्रदेश की दोबारा बागडोर संभालने के बाद रमन सरकार ने अपनी घोषणाओं पर अमल करना शुरू कर दिया है। सीएम ने समीक्षा बैठक में गरीबों को राहत देते हुए 1 और 2 रूपए किलो चावल योजना को पहली अप्रैल से लागू करने का एलान कर दिया है। 7 लाख से ज्यादा गरीब परिवारों को 1 रूपए किलो और 29.86 लाख परिवारों को 2 रूपए में चावल मिलेगा। इसी तरह 37 लाख गरीब परिवारों को मुफ्त में नमक मिलेगा। इस फैसले को लेकर एक बार फिर चर्चाएं शुरू हो गई है। सरकार के लोग इसे एतिहासिक फैसला बताते हुए मुख्यमंत्री डा रमन सिंह को गरीबों को हितैषी के रूप में प्रचारित कर रहे हैं।
इसके पहले चुनावी साल में सीएम ने तीन रूपए किलो चावल योजना चालू किया था। इसके बाद से तो उन्हें चाऊर वाले बाबा की उपाधि मिल गई। इसमें कोई संदेह नहीं कि इस फैसले से गरीबों को राहत मिल रहा है, लेकिन इससे मध्यमवर्गीय परिवारों का बजट गड़बड़ा गया है।
दरअसल राज्य सरकार ने हाल में किसानों को धान के समर्थन मूल्य पर 220 रूपए बोनस देने का फैसला लिया है। सरकार अब 11 सौ से साढ़े 11 सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर धान खरीदेगी। धान की दर बढ़ने से निश्चित रूप से चावल की कीमतें बढ़ेंगी। इससे रियायती चावल पाने से वंचित लाखों परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। जानकारों का मानना है कि 10-12 रूपए में मिलने वाला चावल भी अब 18-20 रूपए किलो में मिलेगा।
गौर करने लायक ये भी है कि पीडीएस के लिए सस्ता चावल उपलब्ध कराने सरकार से सामने संकट की स्थिति है। इस साल पैदावर भी कम है। ऐसे में संभावना ये भी है कि कालाबाज़ारी के कारण भी खुले बाज़ार में अनाज की कीमतें बढ़ेंगी। मेरा उद्देश्य सरकार की आलोचना करना नहीं है। लेकिन इसके दूसरे पहलुओं पर भी विचार करना चाहिए।
वैसे तीन रूपए किलो चावल योजना के कारण कई परेशानियां सामने आई है। किसानों को खेती किसानी के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। रियायती चावल मिलने से लोगों को रोजगार की चिंता खत्म सी हो गई है। विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसे कई किस्से देखने सुनने मिले। इसके अलावा कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली। कई जिलों के कलेक्टरों ने इस बात की पुष्टि की कि चावल योजना के कारण उनके जिलों में शराब की खपत में बेताहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। सरकार ने भी इस बात को जोर शोर से प्रचार किया था कि शराब की बिक्री में छत्तीसगढ़ देश भर में तीसरे नबंर पर आ गया है। शराब के कारण अपराधों में वृद्धि की बात सामने आई है।
मेरा मानना है कि सरकार को सभी वर्गों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनानी चाहिए, ताकि किसी वर्ग पर इसका प्रभाव न पड़े। गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार रोजगार उपलब्ध कराने के साथ कुशल श्रमिक बनाने, खेती किसानी की उन्नत तकनीक विकसित करने जैसे कई काम कर सकती है।